नाथूराम प्रेमी वाक्य
उच्चारण: [ naathuraam peremi ]
उदाहरण वाक्य
- इस ग्रंथमाला के संचालक श्री नाथूराम प्रेमी थे।
- मीर अमीर अली “मीर ', नाथूराम प्रेमी एवं उनके सहयोगी के नाम विशेष है।
- बाकी प्रकाशकों में बम्बई वाले नाथूराम प्रेमी भी थोड़े सलीकेदार कहे जा सकते हैं...
- हिन्दी ग्रन्थ रत्नाकर, बम्बई, के स्वामी श्री नाथूराम प्रेमी ने शरत्-साहित्य का प्रामाणिक अनुवाद हिन्दी में प्रकाशित किया है।
- उनकी महत्त्वपूर्ण पुस्तक ' हिन्दी कथा-साहित्य ' सन् १ ९ ५ ४ में नाथूराम प्रेमी के हिन्दी ग्रन्थ रत्नाकर कार्यालय, बम्बई से प्रकाशित हुई थी।
- स्व. पं. नाथूराम प्रेमी का विचार था कि 'स्वयंभू कवि पुष्पदंत की तरह ही बरार की तरफ के रहे होंगे और वहाँ से वे राष्ट्रकूट की राजधानी में पहुँचे होंगे।'
- इसमें डॉ. लक्ष्मी प्रसाद “रमा', गौरीशंकर द्विवेदी ”शंकर', हरगोविंद गुप्ता, बालमुकुन्द कन्हैया, रामलाल बरानिया “द्विजदीन', गौरीशंकर पंडा, सैय्यद मीर अमीर अली ”मीर', नाथूराम प्रेमी एवं उनके सहयोगी के नाम विशेष है।
- शरतचन्द्र की अपनी सुप्रसिद्ध जीवनी ' आवारा मसीहा ' इन्हीं नाथूराम प्रेमी को समर्पित करते हुए विष्णु प्रभाकर ने उन्हें ' हिन्दी प्रकाशन का भीष्म पितामह ' कहकर उन्हें उचित रूप से सम्मानित किया है।
- अपने प्रकाशकीय वक्तव्य में इन्हीं नाथूराम प्रेमी ने पदुमलाल बख्शी की ' हिन्दी कथा-साहित्य ' को आलोचना की ' पैनी दृष्टि गहन अध्ययन और समन्वय वृत्ति ' के कारण अपने क्षेत्र की एक उल्लेखनीय कृति कहकर प्रस्तुत किया है।
- इसमें डॉ. लक्ष्मी प्रसाद “ रमा ', गौरीशंकर द्विवेदी ” शंकर ', हरगोविंद गुप्ता, बालमुकुन्द कन्हैया, रामलाल बरानिया “ द्विजदीन ', गौरीशंकर पंडा, सैय्यद मीर अमीर अली ” मीर ', नाथूराम प्रेमी एवं उनके सहयोगी के नाम विशेष है।
अधिक: आगे